Wednesday, September 29, 2010

रंग

एक खाली उदास सफ़ेद कमरा
बीच में एक बूढा कथ्थई center table
उसपे पड़ा हुआ एक पीला पड़ गया mug
mug में भाप उगलती हुई black coffee
खिड़की से अन्दर आती केसरी धुप
जब मुझ तक पहुँचती हैं coffee की गीली बेरंग भाप से छनके
तुम्हारी तस्वीर बानाती हैं सांतों रंगों से मेरी नज़रों के सामने
मेरा कमरा कुछ देर के लिए रंगों से भर जाता हैं...

2 comments:

  1. बहुत उम्दा रंग बिखेरे हैं दोस्त... लगे रहो... मज़ा आ गया, यार...

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