न जाने कितनी चीज़ें हैं ऐसी
जिनकी कोई ज़रुरत तो नहीं हैं
पर फेंकी भी नहीं है
भले अब देखता भी नहीं उन्हें
पर पता है के वो वहीँ होगीं
जहाँ बरसों से है...
उनका अपने गिर्द होना बड़ा comforting होता है
कुछ बातें भी उसी तरह पड़ी हुई है ज़ेहन में
मुझे उनकी आदत है
और वे मेरे साथ रहने की आदि हो गई है...
- मैं तुम्हे न सोचकर भी
हमेशा अपने साथ ही रखता हूँ...
Beautiful..
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