एक रुकी हुई बात
खाली जाम फिर से भरने तलक सन्नाटा
एक भी कश लिए बगैर जलके बुझ गई सिगरेट
एक टेलीफोन नंबर
notepad पे लिख के मिटाए हुए कुछ लफ्ज़
एक पुराना ख़त
एक बात अब भी रुकी हुई है लबों पर
एक और शाम फिरसे कुछ कहे बगैर गुज़र गई
सोच फिरसे बजेगी रात भर खली कमरे में
एक और रात फिर नींद नहीं आएगी